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रिश्तों को कभी हमनें दरकिनार न किया

रिश्तों को कभी हमनें दरकिनार न किया।
हद में ही रहें हद को कभी पार न किया।

ख़ुद सह लिया परेशां नही और को किया,
उनसे शिकायतें भी इकबार न किया।
फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807

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7 Comments

Abhinav ji

14-Jun-2023 09:09 AM

Very nice 👍

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Reena yadav

14-Jun-2023 06:54 AM

👍👍

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